सोचता हूँ अब महज उसका नाम लिखूँ...! सोचता हूँ अब महज उसका नाम लिखूँ...!
चलो कुछ लिखें, अपना भी...! चलो कुछ लिखें, अपना भी...!
महकते गुलशन से, ख़ुश्बू चुरानी है, तेरी दास्तानें मुझे, हर-सू सुनानी है। महकते गुलशन से, ख़ुश्बू चुरानी है, तेरी दास्तानें मुझे, हर-सू सुनानी है।
हाँ मैं एक इन्द्रधनुषी हूँ, मैं थोड़ा अजीब हूँ। हाँ मैं एक इन्द्रधनुषी हूँ, मैं थोड़ा अजीब हूँ।
समझाने पर ओ दौड़ जाता था क्योंकि ओ मेरा लाडला छोटा बीटा था। समझाने पर ओ दौड़ जाता था क्योंकि ओ मेरा लाडला छोटा बीटा था।
'झूठे वादे कसमे खाकर, रिश्ता कैसे टिक पाएगा ! पूरी शिद्दत से चाह लिया गर, दुश्मन भी तेरे घर आएगा। सब... 'झूठे वादे कसमे खाकर, रिश्ता कैसे टिक पाएगा ! पूरी शिद्दत से चाह लिया गर, दुश्मन...